प्रेस नोट :-
राजमाता सुशीला कुमारी जी की द्वितीय मीरा पर
(राजमाता सुशीला कुमारी जी जीवदया सेवा समिति) ने परमार्थ के कार्य किये।
हर हाईनेस राजमाता स्व. निश्छल भाव से सेवा समिति के राम नारायणपुरोहित ने बताया कि सबसे पहले नाल गांव के पास भोमिया जी के थान के पास रोही में 51 क्विटल गुड़ के पानी का ग्लास था। निराश्रित गौधन को पिलाया गया। जोड़ में ही माता जी के मंदिर के पास बीमार स्वानो को 21 किलों बाजरे का वार्षिक आभूषण,, तुलसी कुटीर के आगे 51 किलों गुड़भट्ट गौवंश को बेचा जाता है। आसोपा धोरे के पास वन छेत्र में 100 किलों के लिए दाना (चुगा) डलावाया। नाल स्वामीजी मंदिर के पीछे मोरों के लिए 21 किलो चना दाल, कानासर रोही में 31 किलो चेंटियों के लिए बाजार का घाट डलवाई, टीबी हॉस्पिटल के बीमारों के आगे फल वितरण की दूरी तय हो गई, कैंसर हॉस्पिटल में 5 बच्चों को जरूरी दवा दिलवाई। समिति के राम सहयोगी राजपुरोहित ने राजमाता सुशीला कुमारी जी की प्रेरणा से ही आज कई वर्षों से अनेक प्रकार की जनसेवा और जीवसेवा, मानव सेवा के लिए हमारी टीम के फोन (9167453104 ) पर निस्वार्थ भाव से 24/7 तैयार रहती है। तथा एक वर्ष में अनेकों परमार्थ के कार्य करते हैं। इस वर्ष भी समरसता में बाएँ (पुराने) डूबे हुए हैं और उनकी उत्पत्ति में वृद्धि हुई है, बाबा सीताराम बाबा कुटिया भूतेश्वर महादेव मंदिर धोबी धोरा से मुक्त घोंसलों का वितरण 10 अप्रेल से किया जाएगा। इस बार जुलाई से 15 हजार घोसलें स्वतंत्रता वितरण का लक्ष्य रखा गया है। राजपुरोहित ने आज के इस सफल आयोजन में प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, राकेश शर्मा, खुशी पारीक, मालू सिंह, बुलाकी भोजक, दीक्षा, गणेश, अमित देवड़ा, बरकत अली कोहरी, नवनीत तंवर, निखिल, आकाश राजपुरोहित, कार्तिक राजपुरोहित, छविराज सिंह राजपुरोहित आदि सुबह 4 बजे से शाम 6 बजे तक सहयोग किया। ।।